इंडिया दैट इज नाऊ भारत
इंडिया था, अब भारत होगा
मंसूबा अरि का ग़ारत होगा।
इतिहास गवाह है वीरों का
भारत माँ की जयकारों का
फ़िरंगी ने लूटा खुलेआम
भारत को बनाया गुलाम
लेकिन अब न रहेंगी बेड़ियाँ
उम्मीदों की खोल खिड़कियां
ऋषि-मुनियों की धरती यह पुरु
भारत बनकर उभरेगा विश्व गुरु
भारत अपने देश का नाम
विश्वविख्यात ये नाम सुनाम
भारत नाम हमारी साध
यह नाम बदलना है अपराध
यह नाम है हमारी शान का
यह नाम हमारे स्वाभिमान का
(ग़ारत-नष्ट, पुरु-स्वर्ग)
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
मार्गदर्शक : निर्दोष दीक्षित
कोई टिप्पणी नहीं