मेरी नज्म आग बन जाए
तो दुनिया क्यों न बदल जाए
अंधकार दूर भगाए
और नफरत को प्यार से बदल जाए
दुनिया भर में इंसानियत
की ज्योति जगाए
और सभी मनुष्यों को
एक दूसरे से जोड़ जाए
मेरी नज्म आग बन जाए
तो दुनिया क्यों न बदल जाए
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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