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द्वंद्व


द्वंद्व


दो विचारों के बीच संघर्ष है,
एक दूसरे से नफरत है,
पर फिर भी, वे एक साथ हैं,
एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।


एक विचार कहता है, "यह अच्छा है,"
दूसरा कहता है, "यह बुरा है।"
एक विचार कहता है, "यह सही है,"
दूसरा कहता है, "यह गलत है।"


पर फिर भी, वे एक साथ हैं,
एक दूसरे को चुनौती देते हैं।
एक विचार को मजबूत करने के लिए,
दूसरे विचार की आवश्यकता है।


एक विचार को विकसित होने के लिए,
दूसरे विचार की आवश्यकता है।
एक विचार को बदलने के लिए,
दूसरे विचार की आवश्यकता है।


द्वंद्व एक चुनौती है,
पर यह एक अवसर भी है।
यह हमें सोचने के लिए मजबूर करता है,
यह हमें बढ़ने के लिए मजबूर करता है।


द्वंद्व एक संघर्ष है,
पर यह एक प्रेम है भी।
यह दो विचारों के बीच का प्रेम है,
यह जीवन का प्रेम है।


यह कविता द्वंद्व के दो अर्थों को दर्शाती है। एक अर्थ है दो अलग-अलग विचारों या विश्वासों के बीच का संघर्ष। दूसरा अर्थ है दो अलग-अलग व्यक्तित्वों या अनुभवों के बीच का संघर्ष।

कविता के पहले दो छंदों में, कवि दो विचारों के बीच के संघर्ष का वर्णन करता है। ये विचार कभी एक दूसरे के साथ पूरी तरह से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन फिर भी, वे एक साथ मौजूद रह सकते हैं। कवि कहता है कि ये विचार एक दूसरे को चुनौती देते हैं और उन्हें विकसित होने के लिए मजबूर करते हैं।

कविता के अंतिम दो छंदों में, कवि द्वंद्व को एक प्रेम के रूप में देखता है। वह कहता है कि यह दो विचारों के बीच का प्रेम है, यह जीवन का प्रेम है। कवि का मानना ​​है कि द्वंद्व हमें सोचने और बढ़ने के लिए मजबूर करता है।

कविता में भावनात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए कई भाषाई तकनीकों का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, कवि ने दो विचारों के बीच के संघर्ष को एक युद्ध के रूप में चित्रित किया है। यह भाषा पाठक को द्वंद्व की तीव्रता और चुनौती की भावना को महसूस करने में मदद करती है।

कविता में एक और भावनात्मक प्रभाव पैदा करने वाली तकनीक है दो विचारों के बीच के प्रेम की तुलना। यह तुलना पाठक को द्वंद्व की जटिलता और इसके सकारात्मक पहलुओं को समझने में मदद करती है।

कुल मिलाकर, यह कविता द्वंद्व के जटिल और बहुआयामी विषय का एक भावनात्मक और विचारोत्तेजक चित्रण है।



✍️  रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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