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प्रेम और करुणा


प्रेम और करुणा


प्रेम और करुणा, ये दो शब्द
जिंदगी को देते हैं नया रंग,
करुणा से मिलती है शक्ति,
प्रेम से मिलती है शान्ति।


प्रेम से बनते हैं रिश्ते,
करुणा से मिलती है राह,
प्रेम से मिलती है खुशी,
करुणा से मिलता है सहारा।


प्रेम से दूर होता है अंधकार,
करुणा से दूर होता है भय,
प्रेम से मिलता है विश्वास,
करुणा से मिलता है जीवन।


प्रेम और करुणा, ये दो शब्द
हैं जीवन के लिए अमृत,
इनके बिना जीवन अधूरा,
इनके साथ जीवन है पूर्ण।


उक्त पोस्ट में प्रेम और करुणा के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। कविता में इन दो शब्दों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। प्रेम से रिश्ते बनते हैं, करुणा से राह मिलती है। प्रेम से खुशी मिलती है, करुणा से सहारा मिलता है। प्रेम से अंधकार दूर होता है, करुणा से भय दूर होता है। प्रेम और करुणा के बिना जीवन अधूरा है, इनके साथ जीवन पूर्ण है।

कविता में प्रेम और करुणा को अमृत के समान बताया गया है। इन दोनों शब्दों में जीवन को सुंदर बनाने की शक्ति है। प्रेम और करुणा के माध्यम से हम एक-दूसरे के प्रति दयालु और उदार बन सकते हैं। हम एक-दूसरे के दुख-सुख में शरीक हो सकते हैं। हम एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। प्रेम और करुणा के माध्यम से हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।


✍️  रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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