Breaking News

राम और रावण

राम और रावण


राम और रावण दो महापुरुष हैं,
किन्तु उनमें गुणों का अंतर है।
राम हैं मर्यादा पुरुषोत्तम,
रावण है असुरों का राजा।


राम हैं सत्यवादी और दयालु,
रावण है कपटी और क्रूर।
राम हैं कर्मठ और परोपकारी,
रावण है स्वार्थी और अहंकारी।


राम हैं धर्म के रक्षक,
रावण है अधर्म का प्रतीक।
राम हैं सत्य और न्याय के स्वरूप,
रावण है असत्य और अन्याय का स्वरूप।


राम हैं सदाचार के आदर्श,
रावण है कुकृत्यों का प्रतीक।
राम हैं लोकप्रिय और पूजनीय,
रावण है घृणित और अप्रिय।


राम और रावण दो विपरीत ध्रुव हैं। राम हैं सद्गुणों के प्रतिमूर्ति, जबकि रावण हैं दुर्गुणों का प्रतीक। राम के जीवन में हमें सत्य, न्याय, दया और करुणा जैसे गुणों का आदर्श मिलता है, जबकि रावण के जीवन से हमें कपट, क्रूरता और अहंकार जैसे दुर्गुणों का सबक मिलता है।

हमारे जीवन में हमें राम के गुणों को अपनाना चाहिए और रावण के गुणों से बचना चाहिए। राम के गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को सुखी और सफल बना सकते हैं।


✍️  रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

कोई टिप्पणी नहीं