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व्यक्तित्व पर आज ब्लू टिक का साया


व्यक्तित्व पर आज ब्लू टिक का साया


फेसबुक पर ब्लू टिक, ट्विटर पर ब्लू टिक
इंस्टाग्राम पर ब्लू टिक और एक्स पर ब्लू टिक

कैसा जमाना आया है
अपने व्यक्तित्व पर आज ब्लू टिक का साया है।
अपने पर भरोसा नहीं, किसी ठप्पे का एतबार

ब्लू टिक मिल जाए तो बन जाएगा कोई महान
ब्लू टिक मिल जाए तो मिल जाएगी सबकी पहचान


लेकिन क्या ये सच है?
क्या ब्लू टिक ही है सब कुछ?

नहीं, ये सिर्फ एक ठप्पा है
जो किसी के व्यक्तित्व को नहीं बदल सकता

लेकिन लोग इस ठप्पे के पीछे छिप जाते हैं
अपने असली व्यक्तित्व को छुपाते हैं

क्यों? क्योंकि उन्हें लगता है कि
ब्लू टिक के बिना वे कुछ नहीं हैं

लेकिन ये एक गलत धारणा है
अपने व्यक्तित्व पर भरोसा रखिए

ब्लू टिक से परे कुछ और भी है
जो आपको महान बना सकता है

अपनी प्रतिभा, अपनी मेहनत और अपने विचारों से
अपना नाम और अपना मुकाम बनाइए

तो आइए, इस ठप्पे के बंधन से मुक्त हों
और अपने असली व्यक्तित्व को सामने लाएं


आज का युग है सोशल मीडिया का। हर कोई इन प्लेटफार्मों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करना चाहता है। इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। इनमें से एक है ब्लू टिक प्राप्त करना। ब्लू टिक एक प्रमाण पत्र है जो यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति या संस्था उस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वास्तविक और प्रमाणित उपयोगकर्ता है।

कविता में कवि इस बात पर तंज कसता है कि आज लोग अपने व्यक्तित्व पर इतना भरोसा नहीं करते हैं कि वे बिना ब्लू टिक के खुद को प्रमाणित कर सकें। उन्हें लगता है कि ब्लू टिक के बिना वे समाज में अपनी जगह नहीं बना सकते। यह एक अत्यंत चिंताजनक स्थिति है क्योंकि इससे लोगों में आत्मविश्वास की कमी आ रही है।

कविता में कवि लोगों को चेतावनी देता है कि ब्लू टिक कोई मायने नहीं रखता। व्यक्तित्व ही सब कुछ है। ब्लू टिक के बिना भी कोई व्यक्ति सफल हो सकता है।


✍️ रचनाकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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