माँ और तेरा जन्म 👩👧
माँ और तेरा जन्म 👩👧
मौत को धोरे से देखा है
माँ ने तेरे होते हुए,
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
तेरी इक किलकारी से
हृदय माँ का पुलकित था
लाखों में है लाख हीरा
तू ही उनका अमूल्यित था
सीने से लगाये रखती थीं
जागते तुझको सोते हुए
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
छोड़ के अपना काम धंधा
तेरी भूख मिटाई थी
काट के अपने पेट से रोटी
तेरे पेट की आग बुझाई थी
तड़प उठती थी ममता
देख तुझे मायूस होते हुए
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
ये वो ही माता हैं तेरी
जान पे जिनकी बीती
सारी उम्र दिया है तुझको
देते देते उम्र ये बीती
और भी खुश थीं ये ही माता
जब इनके पोते हुए_
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
बीवी आई, बच्चे हो गए,
तुझको वो ही अच्छे हो गए
दूर तू क्यों माँ से गया
जब तक हैं, रह चरणों मे बैठा
बाद में है ये जग मुआ
वैसी ही फसल मिलेगी तुझको
सोच ले ये तू बोते हुए
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
उनके मुख से निकली दुआ
तो काम तेरे होंगे अधूरे
दुआ से उनकी नाम करेगा
होंगे जग में चर्चे पूरे
दुख छू भी सके न उनको
जग में तेरे होते हुए
जान में जान पड़ी थी उनकी
आया जब तू रोते हुए ।।
(धोरे - निकट )
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