अगर साथ होतीं..💐💐
अगर साथ होतीं..💐💐
तुम अगर साथ होतीं तो मैं चांदनी
चंद्रमा से चुराकर तुम्हें सौंपता
तुम अगर पास होतीं तो मैं रागिनी
राग से मांग करके तुम्हें सौंपता |
तुम अगर प्रेम में ये गगन मांगती
चांद तारे भी ला कर तुम्हें सौंपता |
मैं तुम्हें पेश करता नदी प्रेम की
तुम अगर प्रेम में इक लहर मांगतीं |
तुम अगर साथ होतीं तो मैं चांदनी
चंद्रमा से चुराकर तुम्हें सौंपता
तुम अगर प्रेम में इक किरण मांगतीं
रौशनी इस जहां की तुम्हें सौंपता
तुम अगर रूठ जातीं किसी बात पर
सारी खुशियां जहां की तुम्हें सौंपता
तुम अगर स्वप्न में भी मुझे मांगतीं
खुद को लाकर तुम्हें मैं स्वयं सौंपता
मैं तुम्हें पेश करता वो शीतल पवन
एक झोंका हवा का अगर मांगतीं |
तुम अगर साथ होतीं तो मैं चांदनी
चन्द्रमां से चुरा कर तुम्हें सौंपता
तुम अगर प्रेम की इक नज़र मांगती
हर नजारा जहाँ का तुम्हें सौंपता
प्रेम में इक कली जो अगर मांगती
सरा गुलशन जहाँ का तुम्हे सौंपता
मैं तुम्हे पेश करता वो सारे पहर
एक पल जिन्दगी का अगर मांगती ।
तुम अगर साथ होतीं तो मैं चांदनी
चन्द्रमां से चुरा कर तुम्हें सौंपता
तुम अगर....
✍️अभिषेक बाजपेयी
सहायक अध्यापक
प्रा0 वि0 तकियापुरवा निघासन
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