कोरोना
कोरोना पर कुछ दोहे
घबरायें बिल्कुल नहीं, लेकिन रहें सतर्क।
अभिवादन करबद्ध हो, करें नहीं सम्पर्क।
इस बीमारी का नहीं, अब तक मिला इलाज।
बस बचाव उपचार है, जागे अगर समाज।
कर प्रक्षालन कीजिए, दिन में बारम्बार।
ढँकिये मुख अरु नासिका, अभी यही उपचार।
सर्दी, ज्वर, खांसी रहे, लगातार दिन तीन।
जाँच शीघ्र करवाइये, रहिये रोग-विहीन।
भीड़ भरे बाज़ार से रहिये कुछ दिन दूर।
देशाटन मत कीजिए, घर बैठिये हुज़ूर।
योगासन व्यायाम हों, दिनचर्या के अंग।
सात्विक हो आहार भी, तजिये सदा कुसंग।
© ✍️ पुष्पेन्द्र 'पुष्प'
कोई टिप्पणी नहीं