भारत वर्ष महान
अपना भारत वर्ष महान् ।
माटी महके केशर जैसी,
पानी पीपल देव समान ।।
माटी महके केशर जैसी,
पानी पीपल देव समान ।।
मस्तक इसका शुभ्र हिमालय,
धोये चरण नित रत्नालय ।
महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा,
प्यारा केरल, राजस्थान ।।
झरने मधुर गीत सुनाते ,
बादल शीतल जल बरसाते ।
गंगा, यमुना, सतलज, गोदा,
सरयू का जल क्षीर समान ।।
सूर, कबीर, मीराबाई,
देव, रहीम की कविताई ।
कवि भूषण ने किया जगत में ,
शिवा जी, छत्रसाल का गान ।।
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