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बापू तुमको नमन।

हे राष्ट्रपिता! हे परम पूज्य!
बापू तुमको शत बार नमन।
हे सत्य अहिंसा के द्योतक!
बापू तुम को शत बार नमन।।
तुमने इस भू पर जन्म लिया
हम लोगों पर उपकार किया,
सत्य-अहिंसा से तुमने,
अंग्रेजों का प्रतिकार किया।
भारत को मुक्त कराने में,
जीवन अपना कर दिया हवन।
हे राष्ट्रपिता! हे परम पूज्य!
बापू तुम को शत बार नमन।

तुम दीन-हीन के सेवक थे
निर्बल की लाठी थे तुम ही,
तुम सरल हृदय, सच्चे नेता
दुखियों के साथी थे तुम ही।
थे तन से तुम दुर्बल लेकिन,
था अति बलवान तुम्हारा मन।
हे राष्ट्रपिता!हे परम पूज्य!
बापू तुम को शत बार नमन।

हो रहा है मानव हिंसक अब
धरती पर पुनः उतर आओ,
हिंसा की काली रात मिटाकर,
प्रेम का एक दीप जलाओ।
इस पथ भ्रमित जनमानस को
करवा दो सत्यपथ के दर्शन ।
हे राष्ट्रपिता! हे परम पूज्य!
बापू तुम को शत बार नमन।
हे सत्य अहिंसा के द्योतक!
बापू तुम को शत शत नमन।।

रचयिता
राहुल शर्मा,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुंभिया
शिक्षा क्षेत्र - जमुनहा,
जनपद - श्रावस्ती।

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