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हमको तो अधिपति पर नाज

हमको तो अधिपति पर नाज ।
करवा चौथ का व्रत है आज ।।
एक बरस की अवधि के बाद
         आया अरुण दिवस ये ख़ास ।
करेंगें पूजा जीवन साथी की
              उनकी खातिर है उपवास ।।
हर सुहागिन का जो व्रत है ।
          सम्मान भाव में जो सेवारत है ।
सजाके फल- फूल, मिष्ठान, उपहार ।
         करके अपना सोलह श्रृंगार ।।
गणेश, कार्तिकेय हैं शुभदाता ।
        रक्षा करें अहोई करवा माता ।।
लक्ष्मी रूप में बनी रहूँ ।
         प्रेम रंग मे सनी रहूँ  ।।
धरती के ये चाँद ,पुकारे ।
         पिय की हम आरती उतारें  ।।
छंट जाए अब निशा की बदरी ।
          दीप संग खुश दिल की नगरी ।।
आ गयी छत पर तेरे बहाने ।
        कब आओगे दरश दिखाने ।।
दिख गया नभ में उजला चाँद ।
        मिला अमर प्रेम का आशीर्वाद ।
प्रिय स्वामी तुम हो सूरज तारा ।
       अमर  रहे यह सुहाग हमारा ।।
हमको तो अधिपति पर नाज  ।
करवाचौथ का व्रत है आज ।।

रचयिता
अरुण कुमार यादव,
उ0प्रा0वि0 बरसठी, जौनपुर |
मो0 9598444853

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