राष्ट्रभाषा हिन्दी
हिंदी है जन जन की भाषा, अपने जीवन की परिभाषा।
भारत के उपवन की खुशबू, हिंदी है जीवन की आशा।।
भारत के उपवन की खुशबू, हिंदी है जीवन की आशा।।
देवनागरी लिपि है इसकी, जैसा लिखते वैसा पढ़ते।
रंग भावनाओ के भरकर, कविता और कहानी लिखते।।
रंग भावनाओ के भरकर, कविता और कहानी लिखते।।
संस्कृत से जन्मी है हिंदी, मोती जैसे अक्षर इसके।
हम सबकी मातृभाषा है ये, हम सब बेटी बेटे इसके।।
हम सबकी मातृभाषा है ये, हम सब बेटी बेटे इसके।।
संज्ञा सर्वनाम क्रिया विशेषण, लिंग वचन का ज्ञान कराती।
विलोम पर्यायवाची मुहावरे, अलंकार और छंद सिखाती।।
विलोम पर्यायवाची मुहावरे, अलंकार और छंद सिखाती।।
भारत राष्ट्र हमारा है और हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है।
हिन्द की गौरव गाथा है, निरंतर सम्मान की अभिलाषा है।।
हिन्द की गौरव गाथा है, निरंतर सम्मान की अभिलाषा है।।
रचयिता
किरन बाला,
(शिक्षिका- हिंदी-संस्कृत),
कस्तूरबा गाँधी आ0 बालिका विद्यालय, पटवाई,
विकास खंड -शाहबाद,
जिला-रामपुर।
किरन बाला,
(शिक्षिका- हिंदी-संस्कृत),
कस्तूरबा गाँधी आ0 बालिका विद्यालय, पटवाई,
विकास खंड -शाहबाद,
जिला-रामपुर।
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