भारत माता को सुन्दर बनाना है
अपनी भारत माता को
सुन्दर हमें बनाना है।
स्वच्छता अपनाना है,
यह संकल्प ठाना है।।
सुन्दर हमें बनाना है।
स्वच्छता अपनाना है,
यह संकल्प ठाना है।।
खुले में शौच कभी न जाना,
शौचालय बनवाना है।
साबुन से हाथ धुलने की,
आदत हमको अपनाना है।।
यह संकल्प......
शौचालय बनवाना है।
साबुन से हाथ धुलने की,
आदत हमको अपनाना है।।
यह संकल्प......
कूड़ा, कूड़ेदान में डालो,
इधर - उधर न बिखराना है।
साफ - सफाई की आदत को,
जीवन में अपनाना है।।
यह संकल्प ......
इधर - उधर न बिखराना है।
साफ - सफाई की आदत को,
जीवन में अपनाना है।।
यह संकल्प ......
खान -पान की चीजों को,
सदैव ढककर रखना है।
जल स्रोतों को कभी नहीं,
हमको गंदा करना है।।
यह संकल्प.....
सदैव ढककर रखना है।
जल स्रोतों को कभी नहीं,
हमको गंदा करना है।।
यह संकल्प.....
चारों ओर प्रदूषण फैला,
बीमारी का वाहक है।
स्वस्थ - निरोगी काया खातिर,
इसको दूर भगाना है।।
यह संकल्प....
बीमारी का वाहक है।
स्वस्थ - निरोगी काया खातिर,
इसको दूर भगाना है।।
यह संकल्प....
हरे-भरे सुन्दर पौधे,
धरती मां का गहना हैं।
कभी न काटें वृक्षों को,
उपवन को हमें सजाना है।।
यह संकल्प .......
धरती मां का गहना हैं।
कभी न काटें वृक्षों को,
उपवन को हमें सजाना है।।
यह संकल्प .......
अपनी भारत माता को,
सुन्दर हमें बनाना है।
यह संकल्प ठाना है,
स्वच्छता अपनाना है।।
सुन्दर हमें बनाना है।
यह संकल्प ठाना है,
स्वच्छता अपनाना है।।
रचयिता
विजया अवस्थी,
इंचार्ज अध्यापक,
कन्या जूनियर हाई स्कूल मंसूरनगर,
पिहानी, हरदोई।
विजया अवस्थी,
इंचार्ज अध्यापक,
कन्या जूनियर हाई स्कूल मंसूरनगर,
पिहानी, हरदोई।
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