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छठ पूजा

पूजा है प्रकृति की,
चलो करें सब लोग।
नारियल और गन्ने का,
लगाएं मन से भोग।

   लगाएं मन से भोग,
   हल्दी अदरक पान का।
   अर्घ्य दे पूजा करें,
   सुबह सूर्य भगवान का।

   छठ पूजा को छोड़,
   त्योहार न कोइ दूजा।
   डूबते सूर्य की
   होती हो जिसमें पूजा।
            
              लेखक     
               दुर्गेश्वर राय
              सहायक अध्यापक
              विकास क्षेत्र -उरुवा, जनपद -गोरखपुर 
              मोबाइल नंबर 8423245550 
              ईमेल - durgeshwarraigmail.com

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