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मैं शिक्षक हूँ

   शिक्षक हूँ, शिक्षा की गरिमा पुनः बढ़ाने आया हूँ।
   ज्ञान-रश्मियों से भव का तम आज मिटाने आया हूँ।।
   जिनमें मातृभूमि का दर्जा जाति-धर्म से ऊँचा है।
   जिनमें वसुधा एक कुटुम्ब है, जिनमें नारी पूज्या है।
   ऐसे पावन वाक्यों का, निहितार्थ बताने आया हूँ।।
   ज्ञान-रश्मियों से भव का तम...

   दान-दया-तप के सूत्रों का तुम निशि-दिन पालन करना।
   अहंकार-आसक्ति-क्रोध का संयम से मर्दन करना।
   भावी आत्मसमर का दर्पण तुम्हें दिखाने आया हूँ।।
   ज्ञान-रश्मियों से भव का तम...

   पार करो नभ की सीमाएँ, त्वं प्रकाश फैले चहुँओर।
   सकल कलाओं, विज्ञानों का छू लो जाकर अंतिम छोर।
   शिष्यों को विजयी उड़ान का मर्म सिखाने आया हूँ।।
   ज्ञान-रश्मियों से भव का तम...

रचयिता
सन्त कुमार दीक्षित,
प्रधानाध्यापक,
उत्कृष्ट मॉडल प्राथमिक विद्यालय - रनियाँ द्वितीय,
विकास खण्ड - सरवनखेड़ा,
जनपद - कानपुर देहात
मोबाइल नम्बर- 7905691970.

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