मुझे जीने दो
कच्ची कली कर रही पुकार
माँ तुम ना मेरा करो संहार
माँ तुम ना मेरा करो संहार
करुणा तेरी क्यों खोई खोई
पीड़ा तेरी क्यूँ खोई खोई
सूरज चंदा और चमकते तारे
अँगड़ाई ले पूछ रहे हैं सारे
यदि तुम कर लोगी आँखे बंद
सृष्टि का हो जायेगा अन्त
माँ कुछ तो बोलो
आँखे खोलो
मेरे जीवन मे भी
नवविहान होने दो
मुझे जीने दो
मुझे जीने दो।
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