फिर चलने की सोच रहा हूँ
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
छोड़ सहारे दुनियाभर के,
भूल हादसे घर-बाहर के,
ले उम्मीदों की बैसाखी,
स्वप्नों का बनकर मैं पाखी,
शिखरपार जाने की ख़ातिर,
अब उड़ने की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
भूल हादसे घर-बाहर के,
ले उम्मीदों की बैसाखी,
स्वप्नों का बनकर मैं पाखी,
शिखरपार जाने की ख़ातिर,
अब उड़ने की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
हूँ भटका सदियों तक भ्रम में,
जाति-धर्म के उलझे क्रम में,
छद्म जगत के बहकावों को,
दूर झटककर दिखलावों को,
खुद से सच कहने की ख़ातिर,
सब कहने की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
जाति-धर्म के उलझे क्रम में,
छद्म जगत के बहकावों को,
दूर झटककर दिखलावों को,
खुद से सच कहने की ख़ातिर,
सब कहने की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
घावों पर मैं लेप लगाकर,
शुष्क कण्ठ तक जल पहुँचाकर,
सहलाकर व्याकुल हृदयों को,
देकर दीप्ति बुझे दीपों को,
तुष्टि प्राप्त करने की ख़ातिर,
परकेन्द्रित हो सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
शुष्क कण्ठ तक जल पहुँचाकर,
सहलाकर व्याकुल हृदयों को,
देकर दीप्ति बुझे दीपों को,
तुष्टि प्राप्त करने की ख़ातिर,
परकेन्द्रित हो सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
क्या होगा सम्मान कमाकर,
क्या कर लूँगा द्रव्य जुटाकर,
यही सोच - सेवा में डटकर,
अहं और स्वार्थों से उठकर,
अन्तस के प्रश्नों की ख़ातिर,
प्रत्युत्तर की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
क्या कर लूँगा द्रव्य जुटाकर,
यही सोच - सेवा में डटकर,
अहं और स्वार्थों से उठकर,
अन्तस के प्रश्नों की ख़ातिर,
प्रत्युत्तर की सोच रहा हूँ।
फिर चलने की सोच रहा हूँ...
रचयिता
सन्त कुमार दीक्षित,
प्रधानाध्यापक,
उत्कृष्ट मॉडल प्राथमिक विद्यालय - रनियाँ द्वितीय,
विकास खण्ड - सरवनखेड़ा,
जनपद - कानपुर देहात
मोबाइल नम्बर- 7905691970
सन्त कुमार दीक्षित,
प्रधानाध्यापक,
उत्कृष्ट मॉडल प्राथमिक विद्यालय - रनियाँ द्वितीय,
विकास खण्ड - सरवनखेड़ा,
जनपद - कानपुर देहात
मोबाइल नम्बर- 7905691970
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