हम बेसिक के बच्चे हैं
हम बेसिक के बच्चे हैं
मन के हम सच्चे सच्चे हैं
शिक्षा की अलख जगाते हैं
हम पढ़ते और पढ़ाते हैं
मन के हम सच्चे सच्चे हैं
शिक्षा की अलख जगाते हैं
हम पढ़ते और पढ़ाते हैं
अब्दुल कलाम और गांधीजी
भगत सिंह और आजाद जी
इनके जीवन को पढ़कर
उन सा बनने को हैं तत्पर
भगत सिंह और आजाद जी
इनके जीवन को पढ़कर
उन सा बनने को हैं तत्पर
हम सोने जैसे कुंदन है
मेहनत की आग में तपते हैं
नन्हे नन्हे हाथों से हम
तकदीर संवारा करते हैं
मेहनत की आग में तपते हैं
नन्हे नन्हे हाथों से हम
तकदीर संवारा करते हैं
कुछ कड़वे हैं कुछ मीठे हैं
जीवन के अनुभव खट्टे हैं
खेतों में धान रोपते हैं
संग में सपनों को बोते हैं
जीवन के अनुभव खट्टे हैं
खेतों में धान रोपते हैं
संग में सपनों को बोते हैं
मां बनके कभी पिता जैसे
अनुजों का पालन करते हैं
पीठ पर बस्ते का भार नहीं
उम्मीदों को ढोया करते हैं
अनुजों का पालन करते हैं
पीठ पर बस्ते का भार नहीं
उम्मीदों को ढोया करते हैं
हम संस्कारों की चादर को
हर दम ओढ़े ही रहते हैं
गुरु के मान और सम्मान की
रक्षा को अग्रसर रहते हैं
हर दम ओढ़े ही रहते हैं
गुरु के मान और सम्मान की
रक्षा को अग्रसर रहते हैं
हम बेसिक के बच्चे हैं
मन के हम सच्चे सच्चे हैं
शिक्षा की अलख जलाते हैं
हम पढ़ते और पढ़ाते हैं।
मन के हम सच्चे सच्चे हैं
शिक्षा की अलख जलाते हैं
हम पढ़ते और पढ़ाते हैं।
रचयिता
मीनाक्षी भारद्वाज, स0अ0,
प्रा0 वि0 भगवतीपुर घेर,
विकास खण्ड-सालारपुर,
जनपद-बदायूँ
मीनाक्षी भारद्वाज, स0अ0,
प्रा0 वि0 भगवतीपुर घेर,
विकास खण्ड-सालारपुर,
जनपद-बदायूँ
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