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ई-पाठशाला

ई-पाठशाला

सेहत शिक्षा दोनों जिसमें,
हम ऐसी शाला लाये हैं।
नहीं खुले स्कूल तो क्या,
हम ई-पाठशाला लाये हैं।।

धन्य हैं अधिनायक अपने,
क्रांति की अलख जगाये हैं।
धुंधली आंँखों में फिर से,
सपने सरस सजाये हैं।।

एक सूत्र में बंँध गये सारे,
हम साथ कदम बढ़ाये हैं।
ओर-छोर में नाना विद्  ,
सब एक सुर कढ़ाये हैं।।

प्यार से कोई पुकारा हमको,
हम  'सुपर हीरो'  कहाये हैं।
उत्साह का अद्भुत सागर जो,
उस नीर में हम नहाये हैं।।



✍️
अलकेश मणि त्रिपाठी "अविरल"
(स.अ.)
पू.मा.वि.- दुबौली
विकास क्षेत्र- सलेमपुर
जनपद- देवरिया (उ.प्र.)

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