सत्य अहिंसा
सत्य अहिंसा
सत्य है तो सत्य का प्रयोग होना चाहिए।
अहिंसा वही है कोई नहीं रोना चाहिए।।
उदर पूर्ति भी रहे रक्षा भी स्वाभिमान की,
ब्योम तक लहराये ध्वज जवान जय किसान की,
प्रेम भावना भरा संसार होना चाहिए।। सत्य०
नित नये अपराध से मानवता परेशान हैं,
अहिंसा की लगता है खतरे में जान है,
शूर वीर आगे बढ़ उपकार होना चाहिए।।सत्य०
वाह रे अहिंसा माता पिता अनाथालय में,
उनके लिए ही आग लगी भोजनालय में,
तेरे साथ भी वही सलूक होने चाहिए।।सत्य०
पढ़े लिखे को यहां अनपढ़ पढ़ाता है,
सत्य का सूर्य अब कहां टिमटिमाता है,
शेष उस अवशेष का अवतार होना चाहिए।।सत्य०
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शेष मणि शर्मा'इलाहाबादी'
प्रा०वि०बहेरा,वि०खं०-महोली
जनपद सीतापुर, उत्तर प्रदेश
मोब नं-9415676623
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