मेरी बिटिया
आज बेटी दिवस पर मेरी कविता के साथ आप सबको नमन
मेरी बिटिया
अनुपम छवि ,आह्लादित मन,
वट वृक्ष की शाखाओं जस इतराती।
कोमलांगी,किसलय कली,
मेरी बिटिया इठलाती।
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भाव प्रगाढ़ है मन मे,
मन गंगा जस पावन।
कोकिल सा स्वर मोहित करता,
मेरी बिटिया जब गुनगुनाती।
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लख उसको मन विह्वल होता,
व्याकुल जिया अंक लगाए।
घर -अंगना गमकता है जब मेरी बिटिया
मुस्काती।
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नटखट,गम्भीर, बाल सुलभ सुकुमारी,
पल-पल जाऊं वारि।
मेरे मन कि पीर हरे ,
जब
मेरी बिटिया
मैं नैनन नीर बहाती।
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मधुर रागिनी सी मेरे जीवन में,
ताल मृदंग बजाए।
सुनी -सुनी सी अंखियन में,
मेरी बिटिया
नूर जन्नत की दिलाये,
मेरी पीर हर जाए
मेरी पीर हर जाए।।।
ममताप्रीति श्रीवास्तव
गोरखपुर
11-10-2020
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