ख्वाहिशें
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बचपन
की
ख्वाहिशें
आज
भी
खत लिखती हैं
मुझे..
शायद
वो
बेखबर
इस
बात
से हैं
कि
वो जिंदगी
अब
इस पते पर नही रहती..
✍️
राजीव कुमार
स. अध्यापक
पू. मा. वि. हाफ़िज़ नगर
क्षेत्र - भटहट
ख्वाहिशें
Reviewed by
★★
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अक्तूबर 02, 2020
Rating:
5
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