आई राखी आई राखी
आई राखी आई राखी,
बहनों के मन भायी राखी,
चुन चुन मोती जोड़ जोड़ कर,
बहनों ने सजाई राखी,
भाई की कलाई पर बंधकर,
लेती है अंगड़ाई राखी,
भाई बहन का प्रेम अनोखा,
जिसमे नहीं है कोई धोखा,
पवित्र है बन्धन, रक्षा बन्धन,
जाति धर्म का कोई न बन्धन,
छलक उठी थी आंखें सबकी,
किसके बांधेगी राखी अबकी,
वीर शहीद की बहना ने तब,
सीमा पर भिजवाई राखी,
अद्भुत प्रेम की बेला थी वह,
बेला नही स्वर्णबेला थी वह,
बन्धकर सैनिकों की कलाई पर,
खुद पर बड़ा इतराई राखी,
मेरे भारत की सब दिशाएं,
अखंडता के सुर बजा रही थी,
राम और रहीम ने जब,
कमला से बंधवाई राखी।।
बहनों के मन भायी राखी,
चुन चुन मोती जोड़ जोड़ कर,
बहनों ने सजाई राखी,
भाई की कलाई पर बंधकर,
लेती है अंगड़ाई राखी,
भाई बहन का प्रेम अनोखा,
जिसमे नहीं है कोई धोखा,
पवित्र है बन्धन, रक्षा बन्धन,
जाति धर्म का कोई न बन्धन,
छलक उठी थी आंखें सबकी,
किसके बांधेगी राखी अबकी,
वीर शहीद की बहना ने तब,
सीमा पर भिजवाई राखी,
अद्भुत प्रेम की बेला थी वह,
बेला नही स्वर्णबेला थी वह,
बन्धकर सैनिकों की कलाई पर,
खुद पर बड़ा इतराई राखी,
मेरे भारत की सब दिशाएं,
अखंडता के सुर बजा रही थी,
राम और रहीम ने जब,
कमला से बंधवाई राखी।।
रचयिता
आमिर फ़ारूक़
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद माफ़ी
विकास क्षेत्र सालारपुर
जनपद बदायूँ
आमिर फ़ारूक़
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद माफ़ी
विकास क्षेत्र सालारपुर
जनपद बदायूँ
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