बालमन
ख्वामखाह कुछ सवाल
मेरे ज़ेहन मे करवटें बदलते हैं
के तितलियां रंगीन इतनी
पर रंग लाती कहां से?
वो बादल रुई के फाहों सा
इतना पानी रखता कहां है?
दौड़ कर पकड़ लूं चाँद को
यूं दूर भागता क्यों है?
ख्वामखाह कुछ सवाल......
मेरे ज़ेहन मे करवटें बदलते हैं
के तितलियां रंगीन इतनी
पर रंग लाती कहां से?
वो बादल रुई के फाहों सा
इतना पानी रखता कहां है?
दौड़ कर पकड़ लूं चाँद को
यूं दूर भागता क्यों है?
ख्वामखाह कुछ सवाल......
महकी महकी सी रहती हूँ
फूलों के संग
मगर फूलों को इस कदर
महकाता कौन है?
वो दूर उस पहाड़ के पीछे से
निकलता है सूरज
क्या गुस्से में लाल हुआ या
रोज़ खेलता है होली रंगो से?
ख्वामखाह कुछ सवाल....
फूलों के संग
मगर फूलों को इस कदर
महकाता कौन है?
वो दूर उस पहाड़ के पीछे से
निकलता है सूरज
क्या गुस्से में लाल हुआ या
रोज़ खेलता है होली रंगो से?
ख्वामखाह कुछ सवाल....
इंद्रधनुष में सात रंग...
आठ क्यों नहीं?
नदी का पानी मीठा मीठा
सागर में मिलते ही खारा क्यों?
ख्वामखाह कुछ सवाल
मेरे ज़ेहन में करवटें बदलते हैं।।
रचयिता
मीनाक्षी भारद्वाज,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय भगवतीपुर का घेर,
ब्लाक -सालारपुर,
जनपद बदायूँ।
आठ क्यों नहीं?
नदी का पानी मीठा मीठा
सागर में मिलते ही खारा क्यों?
ख्वामखाह कुछ सवाल
मेरे ज़ेहन में करवटें बदलते हैं।।
रचयिता
मीनाक्षी भारद्वाज,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय भगवतीपुर का घेर,
ब्लाक -सालारपुर,
जनपद बदायूँ।
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