इसलिए शिक्षक उदास हैं आज
शिक्षक आज उदास हैं,
क्योंकि नीतियों पर हस्तक्षेप का,
उनको हक नहीं है।
वे चाहते हैं कि शिक्षा,
एक ऐसी व्यवस्था हो,
जहाँ सभी को बराबर का अवसर मिले।
वे चाहते हैं कि शिक्षा,
एक ऐसी व्यवस्था हो,
जहाँ सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
वे चाहते हैं कि शिक्षा,
एक ऐसी व्यवस्था हो,
जहाँ सभी को समान अधिकार मिले।
लेकिन आज की व्यवस्था में,
शिक्षकों की आवाज़ दब गई है।
वे नीति-निर्माताओं के सामने,
अपने विचार नहीं रख पाते हैं।
इसलिए शिक्षक आज उदास हैं।
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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