बहना जब राखी लाएगी
बहना जब राखी लाएगी तो भैया खुश हो जाएगा।
देखो बहना के आते ही घर खुशियों से भर जाएगा।।
राखी के बदले क्या दोगे मैं प्यार बांधने आई हूँ।
खुश रहे सदा यह घर आंगन मैं प्यार बांटने आई हूं।।
मां-बाप का ये चौथापन है अब दुख न पड़े इनको सहना।
तुम इनको सदा सुखी रखना बस यही मांगती है बहना।।
भैया ये रेशम की डोरी लगा जो इसमें चंदन है।
है प्यार बहन का ये 'अंकुश' ये तो खुशियों का बंधन है।।
✍️ लेखक : जीवन कश्यप अंकुश
एआरपी
वि0क्षे0 दहगवां जनपद बदायूँ
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