शिक्षकों को चाहिए 🤝 अभिभावकों का साथ
ग्रामीण शिक्षा का सच
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा,
एक सपना है अधूरा।
शिक्षकों का प्रयास,
पर अभिभावकों का सहयोग,
नहीं है पर्याप्त।
छात्र पढ़ाई में रुचि नहीं लेते,
क्योंकि उन्हें प्रेरणा नहीं मिलती।
माता-पिता, काम-काज में व्यस्त रहते हैं,
उनके पास बच्चों के लिए समय नहीं है।
शिक्षकों को लगता है,
कि वे अकेले हैं इस लड़ाई में।
वे बच्चों को शिक्षित करने के लिए,
अपने तन-मन से लड़ रहे हैं।
लेकिन बिना अभिभावकों के सहयोग के,
उनकी कोशिशें व्यर्थ हैं।
शिक्षकों को चाहिए,
अभिभावकों का साथ।
✍️ प्रयासकर्ता : प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"
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