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भोर सुहानी आएगी

 भोर सुहानी आएगी


मन में रखना तुम विश्वास, 
न होना तुम हताश, 
वक्त का पहिया घूमेगा, 
भय का तिमिर छटेगा, 
फिर भोर सुहानी आएगी, 
नव मरीचि साथ में लाएगी। 
इतने तुम रखना संयम, 
रखना सकारात्मक अंतर्मन, 
करके मन पवित्र शीतल, 
ईश्वर का करो पूजन वंदन। 
नित देना पानी वृक्षों को, 
रखना दाना-जल विहगों को, 
इतनी शीतलता पाओगे, 
जैसे लगा हो तुम्हें चंदन। 
नव पल्लित कोंपल कुसुमों से, 
नाना प्रकार के कलरव से, 
नव स्फूर्ति स्वयं में भर लेना, 
खींच चित्र प्रफुल्लित मन रखना। 
देखना, घटा छट जाएगी, 
फिर भोर सुहानी आएगी, 
इस विकट समय में भी तुम्हें, 
एक नई राह दिखलाएगी। 

स्वाति शर्मा
बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश

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