कोरोना का मंजर
कोरोना का मंजर
घर के इकलौते दीपक को बुझते हुए देखा हैं।
आक्सीजन की कमी से मरते हुए भी देखा हैं ।
जलती हुई लाशों का मंजर देखा है
धनवानों को भी लाचार देखा है।
हां मैने कोरोना का मंजर देखा हैं ।।
शमशानों मे लाईन का मंजर देखा हैं ।
कब्रिस्तानों मे जगह की कमी भी देखा हैं।
नदियों में लाशो को तैरते देखा हैं ।
हां मैने कोरोना का मंजर देखा हैं ।।
अब सोशल डिसटेंसिंग निभाएंगे।
गुड सिटिज़न बनकर दिखाएंगे।l
सरकार के रूल्स अपनाएंगे।
घर मे बैठकर तुझे हराएंगे
फिर अपना जीवन खुशहाल बनाएंगे ।l
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मो०जियाउल हक
ARP हिन्दी
ब्लॉक-खोराबार
जनपद-गोरखपुर
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