हिम्मत ना हारे
हिम्मत ना हारे
ना बेड
ना है दवाई
है ऑक्सीजन की कमी
और मौत सर पे छाई
किससे करे हम जीवन देने की दुहाई
जब सबपे ही बिपदा
एक ही समय आई
डॉक्टर भी बीमार
कौन करे इलाज
खाली एक भी ना कोना
कितनी दूर हो अस्पताल
कोई सांस ना ले पाए
कोई दर्द से छटपटाए
सबके दुखों को देख
खुद बीमार मन हो जाए
क्या है इसका इलाज
कुछ समझ ना आए
सबको कब तक मारता देखें
इतने क्यो है हम लाचार
एक वायरस की पकड़
जाने कब हाथ मे आए
कोई हिम्मत ना हारे
हो हौसलों की बात
सब एक साथ लड़ेंगे
पाएंगे इससे निजात
दूर होगी बीमारी
सब होंगे साथ _साथ
खाएंगे साथ में खाना
होगी मस्ती धमाल
चहकेंगे फिर से आंगन
होगी बगिया खुशहाल
✍️
साधना सिंह (स.अ.)
खजनी
गोरखपुर
शानदार.... साधना जी
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