मेरी कहानी
मेरी कहानी
रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं।
रोक न पाए जिसको ये सारी दुनिया,
वो एक बूंद आँख का पानी हूँ मैं।।
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें।
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत है हमें।।
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं।
जो समझ ना सके मुझे उनके लिये कौन,
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं।।
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं।
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं।।
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रचयिता
हेमलता यादव (स०अ०)
संयुक्त विद्यालय बेती सादात,
भिटौरा, फतेहपुर
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