बालकृष्ण
विषय- बालकृष्ण
सुंदर छवि,
अति मन मोहिनी,
देखत जाऊँ,
मैं तो भाई बावरी,
सुध मैंने खोई रे!
यह बाल रूप,
है कितना सुंदर!
मन करत,
तोहे गोदी में ले लूँ,
लोरी गा सुलाऊँ रे!
माखनचोर,
तू नटखट बड़ा,
देखत तोहे,
मन ही मुस्कुराऊँ,
मैं तो वारी जाऊँ रे!
अरज करूँ,
मोहे दर्शन दे जा,
फिर कभी न,
कुछ तोसे माँगू रे!
मैं तोहे पा जाऊँ रे!
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वाति शर्मा
बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश
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