बड़ी खूबसूरत है जिंदगी
बड़ी खूबसूरत है जिंदगी
पतझड़ सी है जिंदगी,तो बसंत-ए-बहार भी जिंदगी
सिकुड़ी सी है जिंदगी,तो अद्भुत अपार भी जिंदगी।
गम की गठरी है जिंदगी,तो खुशियों का अंबार भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
मृगतृष्णा सी है जिंदगी,तो पूर्णता भी जिंदगी
भंगुर सी है जिंदगी,तो संपूर्णता भी जिंदगी।
अधूरी सी है जिंदगी,तो परिपूर्णता भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
ढलती शाम सी है जिंदगी,तो नवल प्रभात भी जिंदगी
काली रात सी है जिंदगी,तो धवल प्रात भी जिंदगी।
ठहरी सी है जिंदगी,तो मूर्त मूरत भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
सर्द शबनम सी है जिंदगी,तो सुहानी धूप भी जिंदगी
ग़ुरबत सी है जिंदगी,तो रूहानी रूप भी जिंदगी।
बेबस सी है जिंदगी,तो वक्त के अनुरूप भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
बिसरे गीत सी है जिंदगी,तो मधुर मीत भी जिंदगी
हार सी है जिंदगी,तो बड़ी जीत भी जिंदगी।
विरह वेदना सी है जिंदगी,तो मनप्रीत भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
अबूझ पहेली सी है जिंदगी,तो सुलझी सहेली भी जिंदगी
गूढ़ गाथा सी है जिंदगी,तो अठखेली भी जिंदगी।
उजड़े दरख़्त सी है जिंदगी,तो चमन की चमेली भी जिंदगी
हर सूरत में सीरत सी जिंदगी,बड़ी खूबसूरत है जिंदगी।।
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अलकेश मणि त्रिपाठी "अविरल"(स.अ.)
पू.मा.वि.- दुबौली
विकास क्षेत्र- सलेमपुर
जनपद- देवरिया (उ.प्र.)
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