भारत वतन हमारा
भारत वतन हमारा
सारे जहां से सुंदर भारत वतन हमारा
प्यारा वतन हमारा न्यारा वतन हमारा
सौंदर्य है अप्रतिम कण-कण में है समा या।
कवियों की वाणियों ने हम सबको है सुनाया।।
भारत का भाल बनकर हिमराज ताज पहने ।
धरती दमक रही है,पहने हुए हैं गहने। स्वर्णिम सी मंजरी से हिमश्रृंख है नहाया।।
अमराइयों की बौरें,झूमक सी लग रही हैं ।
सरसों के फूल पीले चूनर-सी सज रही हैं।
केसर की खुशबुओं से,महके शरीर सारा ।।
प्यारा वतन हमारा न्यारा वतन हमारा।
कोयल की कूक प्यारी सरगम सी सज रही है।
बागों में मोर झूमे ,धरती ये सज रही है सागर की लहरियां सब पग छनछना रही हैं।
धरती की घुंघरू बनके मन को लुभा रही हैं।।
ऐसा वतन हमारा ,सुंदर वतन हमारा
सारे जहां से सुंदरभारत वतन हमारा।।
✍️
नीलम भदौरिया
प्रधानाध्यापिका
प्राथमिक विद्यालय पहरवापुर
विकासखंड-मलवां
जनपद-फतेहपुर
उत्तर प्रदेश
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