◆ सावन गीत◆
◆ सावन गीत◆
बीता आषाढ़ आया सावन,
सबके मन को भाया सावन।
मन में हरियाली , उमंग ,
उत्साह,प्यार है लाया सावन।
वह बचपन सावन के झूले,
हम सब उसको कभी न भूलें।
भोलेशंकर की याद दिलाता सावन,
तीज , नागपंचमी लाता है सावन,
भाई-बहन का त्यौहार लाता सावन,
प्रेम का प्रतीक दिलाता सावन।
बीता आषाढ़ आया सावन,
सबके मन को भाया सावन।
खान - पान की परहेज दिलाता सावन,
स्वादिष्ट भोजन की सार्थकता बताता सावन,
व्रत , उपवास में आस्था दिलाता सावन,
शिव भक्तों की याद दिलाता सावन।
आज सुबह जब बरसा सावन,
भीगा अपना तन - मन सारा,
पता नहीं फिर कब मिलेगा,
सावन का यह प्यार तुम्हारा।
बीता आषाढ़ आया सावन,
सबके मन को भाया सावन।
वह चिड़ियों का चहकना,
वह फूलों का महकना,
वह कोयल का कूकना,
वह भौंरों का गुनगुनाना।
बीता आषाढ़ आया सावन,
सबके मन को भाया सावन।
✍️ रचयिता
अजय कुमार वर्मा
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय भैरवां प्रथम,
शिक्षा क्षेत्र - हसवा,
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)।
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