मेरा गांव मेरा ह्रदय
मेरा गांव मेरा ह्रदय
बहुत याद आते हैं,
वो तंग गलियों वाला मेरा गांव,
वो नदी किनारे ठहरी नाव,
वो तपती धूप में जलते पाव,
बहुत याद आते हैं।
वो बचपन के वादे,
बड़ी उम्मीद से किये छोटे छोटे वादे,
वो रिश्तों की धूप छांव,
कभी मीठी यादें कभी गहरे घाव,
बहुत याद आते हैं।
वो हवा में सादगी,
आंखों में नमी किसी के याद की,
वो हर लहलहाते खेत,
जहाँ काम करते लोग सभी समेत,
बहुत याद आते हैं।
वो गांव की सुनहरी शाम,
जो कर दी हमने शहरों के नाम,
अब!बहुत याद आते हैं।
बहुत याद आते हैं।।
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शिवम सिंह भदौरिया
सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय इस्कुरी खुर्द विजयीपुर जनपद फतेहपुर
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