पुत्र वही कहलायेगा ..
पुत्र वही कहलायेगा ..
पिता-पुत्र में स्नेह जो है
जब पुत्र-पिता में आयेगा,
सही मायने में देखें तो
पुत्र वही कहलायेगा।
संजीदा हो खुशियांँ बेचीं
कि पुत्र खड़ा हो जायेगा,
पिता की कीर्ति जो बेचे
वह पुत्र नहीं कहलायेगा।
खून-पसीना लगा दिया
कि पुत्र बड़ा हो जायेगा,
जोंक के जैसा जो चूसे
वह पुत्र नहीं कहलायेगा।
पिता पुत्र को प्यार करे
स्वाभाविक कहलायेगा,
पर पुत्र पिता से प्यार करे
विशिष्ट वही कहलायेगा।
बड़े प्यार से पाला सुत को
कि अंत सुखद हो जायेगा,
अब जो उनको पाल सके
पुत्र वही कहलायेगा ।
अलकेश मणि त्रिपाठी "अविरल"(सoअo)
पू०मा०वि०- दुबौली
विकास क्षेत्र- सलेमपुर
जनपद- देवरिया (उoप्रo)
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