गुरुवंदना
गुरुवंदना
करबद्ध तुम्हारा वंदन,
पग पग पर अभिनन्दन,
हो ललाट पर शोभित ज्यों,
शीतल सुवासित हरिचंदन।
लेकर जीवन की आस,
मैं गया आपके पास ,
मिटा जीवन से मेरे त्रास ,
बिखेरा जीवन में मृदुहास ।
आप बिना अधूरा है,
मेरा जीवन - आख्यान,
खोले नेत्र, दिया ज्ञान,
पुष्पित है जीवन विहान।
पाकर आपसे शिक्षादान ,
मिटा जीवन से अज्ञान ,
पा सका जो मैं सम्मान ,
कृपा तुम्हारी कृपानिधान ।
बन ईश्वर के दूत आए ,
ज्ञान का दीप जलाने ,
बन जीवन - त्राण मेरे ,
जीवन मधुमास बनाने।
गुरुवर कामना है मेरी,
मिलता आशीर्वाद रहे ,
जीवन रंगमंच सजा हो ,
होता करतल नाद रहे ।
✍️
प्रदीप तेवतिया
एआरपी, हिन्दी
कोई टिप्पणी नहीं