Breaking News

हिन्दी

हिन्दी

हिन्दी जब सहज भाव से बहती,
हिंदोस्ताँ की संस्कृति संग में चलती।

सभ्यता संस्कृति की प्रतीक है,
सरल अभिव्यक्ति की संगीत है।

एकता का पाठ हमें पढाती है,
एक सूत्र में राष्ट्र को बांधती है।

हिन्दी है मृदु भावों का सागर,
भरी है इसमें अपनत्व की गागर।

आधुनिक युग के इस दौर में,
खो रही है हिन्दी, अंग्रेजी शोर में।

आओ ! सब मिलकर दे सम्मान,
करें अब निज भाषा का उत्थान।

जब होंगे हिन्दी के प्रति हम सजग,
तब राष्ट्रभाषा को मानेगा सारा जग।

✍️
रचयिता
नवनीत शुक्ल(शिक्षक)
प्रा० वि० भैरवां द्वितीय, हसवा, फतेहपुर
मो०न० - 9451231908

कोई टिप्पणी नहीं