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मेरी कल्पना

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏

आज शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है एक प्राथमिक शिक्षक की कल्पना अपने विद्यालय के लिए.... 


*मेरी कल्पना*


विद्यालय मेरा कैसा हो, 
एक सुंदर उपवन जैसा हो । 
जहाँ कच्ची कोमल कलियाँ खिलें, 
सींचने को उन्हें सही माली मिले। 
फिर खिल उठ महक बिखेर दें, 
जीवन में सबके खुशियाँ भर दें।
महक से उनकी सारा समाज सुगंधित हो, 
ऐसे उपवन सदृश्य विद्यालय के लिए 
हम सब गठबंधित हों।

विद्यालय मेरा कैसा हो? 
बिल्कुल मेरे घर जैसा हो। 
जो भौतिक संसाधनों से परिपूर्ण हो, 
बच्चों की शिक्षा के अनुकूल हो। 
जिसे बच्चे अपने घर सा समझें, 
मंदिर की तरह उसको पूजें। 
शिक्षकों को माँ-बाप सा सम्मान दें, 
शिक्षक भी बच्चों को उतना ही प्यार दें। 
जिससे भय मुक्त हो जाए वातावरण, 
और मन लगाकर बच्चे करें अनुसरण।
तो ऐसा मेरा विद्यालय हो, 
जो बिल्कुल परिवार जैसा हो। 

विद्यालय मेरा कैसा हो? 
प्राचीन गुरुकुल जैसा हो।
जहाँ शिक्षक सदाचारी हों, 
और बच्चे भी आज्ञाकारी हों। 
सीख जाए वे मेहनत करना, 
अपने बल कुछ हासिल करना । 
जहाँ प्रकृति से प्रेम करना सिखाया जाए,
देश सेवा हेतु तत्पर बनाया जाए। 
जो पढ़ लिखकर देश का गौरव बढ़ाएं, 
और सबके लिए एक मिसाल जाए।
तो कैसा मेरा विद्यालय हो?
एक मजबूत आधार स्तंभ जैसा हो।।


*एक प्रयास*
*✍✍✍✍*
*स्वाति शर्मा (अध्यापिका )* 
*प्राथमिक विद्यालय मडैयन कलां*
*विकास क्षेत्र - ऊंँचागांँव*
*जनपद - बुलंदशहर*
*उत्तर प्रदेश*

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