Breaking News

जद्दोजहद

जद्दोजहद

जिंदगी की जद्दोजहद से घबराना कैसा! 
बिना इससे जूझे हताश हो जाना कैसा! 
यह तो ज़रिया है 
स्वयं से रूबरू होने का, 
अपने हुनर को पहचानने का, 
अपनी खामियों को ढूँढने का, 
ढूँढ उन्हें, 
सही दिशा में मुड़ जाने का। 
यदि चाहते हो 
कोई मुकाम हासिल करना, 
यही चाहते हो 
अपनी एक अलग पहचान बनाना, 
तो सामना करो 
जद्दोजहद का हंसकर, 
परीक्षा है, सोच ऐसा,
मैदान में जमो डटकर। 
और फिर देखो 
जब हासिल होगा मुकाम, 
तो जूझे जो तुम 
इन जद्दोजहद से, 
इन्हीं पर तुम्हें होगा गुमान, 
और नहीं भी हुआ मुकाम हासिल, 
तो कुछ न कुछ सीख तो जरूर मिलेगी, 
जो आएगी काम आगे जीवन में, 
बंद कोठरी में धूप जरूर खेलेगी । 
इसीलिए,
जद्दोजहद से न घबराओ, 
सामना करने से इसका, न कतराओ, 
नई मंजिल की पहली सीढ़ी है यह, 
सोच ऐसा, रख कदम, आगे बढ़ जाओ ।

✍️
स्वाति शर्मा 
बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश

कोई टिप्पणी नहीं