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हम पढ़ाते हैं

हम पढ़ाते हैं
देश की शान बढ़ाते हैं
हम भविष्य बनाते हैं
जी हाँ हम पढ़ाते हैं

माँ सी ममता
बाप सा दुलार
हम सारे फ़र्ज़ निभाते हैं
हाँ हाँ हम पढ़ाते हैं

भले बदरंग हो ज़माना
या कोई बदरंग फसाना
हम बेरंग को रंगीन बनाते हैं
हाँ हम पढ़ाते हैं

भाग दौड़ की दुनिया मे
जागृति के पथ पर
दौड़ना सिखाते हैं
जी हम पढ़ाते हैं

कभी थपकी देकर
कभी प्रेम लुटाकर
बालमन को ठहराते हैं
हम पढ़ाते हैं

देश की उन्नति हेतु
देश की समृद्धि हेतु
हम अपना सर्व गर्व से लुटाते हैं
क्योंकि हम पढ़ाते हैं

रचयिता 
आमिर फ़ारूक़
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद माफ़ी
विकास क्षेत्र सालारपुर
जनपद बदायूँ

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