किस काम की
कर्म के बिन कामना, किस काम की
भाव के बिन भावना, किस काम की
लक्ष्य के बिन व्यर्थ है चलना निरन्तर
बिन समर्पण साधना, किस काम की
भाव के बिन भावना, किस काम की
लक्ष्य के बिन व्यर्थ है चलना निरन्तर
बिन समर्पण साधना, किस काम की
( पुष्पेन्द्र यादव )
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