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नरिया विवाद

बड़कू,छोट्टन सब पहुंच गये....
जाने काहे की भीड़ लगी... ?
फ़ड़वा,तसला सब बिखरा है....
ई काहे की है तना तनी .... ?
बोधन चाचा भाग चले.....
मुखिया के घर के रस्ते मा...
तबै सुमंगल झाँक कहेन...
हमे न तउलेव सस्ते मा....
निकरि आये बाहर घर के.....
मोछन का अपने झाड़ देहेन....
भीड़ के बीच म कूद पड़े...
ठोंकिन ताल,दहाड़ देहेन....
नरिया ,हियाँ से ना निकरी
फ़िर चाहे अब जो होइ जाये...
तुम आँखी कहे तरेरे हो..... ?
हमका ,तुमसे अब डर नाय..
बप्पा हमते बतलाय रहेन ....
तुम धुन्नी सिंघ के चंगेटर हो..
जाओ अब उनते बता देहेव...
तुम गई डेट का लेटर हो...
ई झगड़ा मा उंई पड़िहैं तो....
कहि देहो बहुत दबाये रहें...
अब उनसे कउनो दबत नही.....
कहि देहो मान बनाये रहें.....
अगर फ़िरौ उंई ना माने....
तौ हमरा जूता टाईट है.....
एत्ता तो हम जनतेहे हन...
कि वॉर म सब कुछ राईट है...
कहि देहेव 'सुमंगल' ना डरिहैं....
वहिके सर ख़ून सवार रहा..
डरवावैं का कउनो लाभ नही....
वा बाँधे कफ़न दुआर रहा....
सुनौ सुमंगल बहुत हुआ......
अब बंद करौ तुम बड़बत्ती...
जौ धुन्नी भइया आये हियाँ...
फ़िर नरिया खुदी जबरजत्ती....
तुम्हरे बप्पा ते कहे रहेन....
कि एत्ती बात बढ़ावैं ना....
बप्पा तुम्हरे गरियाये देहेन...
महतारी-बिटिया गरियावैं ना....
अब चोक लेहेस तो भागि गये....
पाछे से भ्याजन है तुमका....
हमरौ सूरज अब ब्याकुल है....
वा पक्का है अपनी धुन का...
सूरज साथ लेवावैं गा...
धुन्नी भइया अउतै होइहें....
तुम अउतै मान सुधर जइहौ...
तुम्हरे उंई धनिया बोइ देइहें.....
ई देखौ भइया पहुंच गये....
अब सुनौ सुमंगल का कहियें...
अब नरिया तो निर्बाध बनी...
अब ख़ुदै सुमंगल बनवइहें.....
जौ धुन्नी पहुंचे मौके मा..
तौ तुरतै ला डारेन खटिया..
खींस सुमंगल की निकरी...
फ़िर ब्वालै पानी ला बिटिया...
भइया ! भले हियाँ आयेव...
धन्य भाग्य हमपे बरसा...
हम कब से रस्ता ताकि रहेन....
समझौ यहिका अपने घर सा....
सुनौ सुमंगल ! हमे बताव..
का विवाद है नरिया का..... ?
जल्दी करौ ! हमे जाना है.....
उद्घाटन आज नहरिया का....
भइया ! हमका का करना है.....
सबकी इच्छा ...हमरी इच्छा....
सबका जेहिमा कल्यान होय....
है सबसे भली वही शिक्षा.....
ठीक सुमंगल !हम निकल रहेन...
अब कउनो बात न होय चही....
शाम तलक तुम हमे मिलो...
इक काम तुम्हे दिलवाई सही.....
पाँव लगी धुन्नी भइया..
हम सांझ तलक घर आ जइबे....
भइया अब निसफ़िकिर रहौ..
आँखिन के आगे खुदवइबे.....
राम-राम धुन्नी भइया
अब आप भरोसे हम सब हन.....
आपेन का कहा भर मानित है..
बाकी सब हैं हमरे तरुवन....

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