भारत का लाल
भारत का लाल
जन्म हुआ था इस लाल का
उस दिन जिस दिन जन्मे थे बापू
कोमल सादा उज्जवल मन था,
विकट समय में खुद को ढाला था।
तपा के श्रम की ज्वाला में खुद को
बलिदान किया देश पे हर सुख को
सादा जीवन उच्च विचार ,
यही तो बताते थे ।
जरूरतमंदों व निर्धन पर
सदा दया दिखाते थे।
धर्मनिष्ठ,कर्तव्य,सत्यप्रेमी
साहस को अपनाते थे।
इंसान को इंसानियत और स्वाभिमान का पाठ पढ़ाते थे।
ऊँचे पद पर पहुँचकर भी
नहीं हुआ उनको अभिमान ।
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर सबको गले लगाते थे ।
जय जवान जय किसान का
नारा हर पल वह दोहराते थे।
इनके जीवन से ले ले हम
कुछ प्रेरणा का आधार ।
ऐसे भारत के लाल को
करें कोटि-कोटि प्रणाम ।।
राष्ट्रपिता
आओ गांधी जी को स्मरण करें
उनको श्रद्धा से नमन करें।
उनके गुण गौरव को जाने
उनकी निष्ठा को पहचाने।
सत्य के पथ पर चलने वाले,
देश प्रेम के वह मतवाले।
सभी धर्मो से प्रीत निभाई,
हर धर्म आपस में भाई भाई।
सत्य अहिंसा को अपनाकर,
अंग्रेजों को धरा से दूर भगाकर।
भारत मां को स्वतंत्र कराकर,
सत्कर्म पथ पर सबको चलाया।
दुश्मन से भी प्यार किया,
जीवन देश पर वार दिया।
बापू जन-जन को भाए,
देश के राष्ट्रपिता कहलाए।
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दीप्ति राय , (दीपांजलि)
सहायक अध्यापक
कंपोजिट विद्यालय रायगंज ,गोरखपुर
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