माँ के नौ रूप
माँ के नौ रूप
माँ पहली शैलपुत्री
शैलपुत्री का सुंदर रूप
माँ दूसरी ब्रम्हचारणी
अद्भुत छटा मन मोहे
माँ तीसरी चंद्रघण्टा
मुखपर मुस्कान मंद-मंद
मस्तक पर सोभे अर्द्धचंद्र
माँ चौथी कूष्माण्डा
अष्ट भुजाओं वाली
अमृत कलश कर में साजे
दुजे कर माला जापे
माँ पांचवी स्कंद माता
अत्यंत दिब्य स्वरूप
सफेद कमल पर विराजमान
माँ छठवीं कात्यायनी
सब देवताओँ के विनती पर
आदि शक्ति का रूप लिया
माँ सातवी कालरात्रि
सप्तसती माँ कहलाती
माँ आठवीं महा गौरी
शांत सरल स्वभाव
माँ नौंवी सिद्धि दात्री
माँ दुर्गा के नौ रूप
यही तो है माँ का दिव्य स्वरूप
अपनी कृपा बनाएं रखना
हो कोई भी भूल चूक
अपना आशीर्वाद सर पर सजाएँ रखना
बेटी समझ बेटी की बगियाँ सजाएँ रखना
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नीलम दुबे
कम्पोजिट विद्यालय रायगंज
खोराबार गोरखपुर
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