भारत की जय
भारत की जय
भारत की जय, भारत की जय,
भारत के रण में आज तू जय जयकार करेगा।
ऑस्ट्रेलिया की सेना से तू जूझेगा,
और भारत का नाम रोशन करेगा।
तेरे हाथों में है अब किस्मत की चाबी,
तेरे पराक्रम से दुनिया होगी हैरान।
तेरे वीर जवानों का है यह दम,
कि वो किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।
भारत की जय, भारत की जय,
भारत के रण में आज तू जय जयकार करेगा।
ऑस्ट्रेलिया की सेना से तू जूझेगा,
और भारत का नाम रोशन करेगा।
तेरे सामने खड़ी है ऑस्ट्रेलिया की सेना,
जो है बहुत ही शक्तिशाली और निडर।
लेकिन तेरा पराक्रम और तेरा साहस,
उन्हें भी धूल में मिला देगा।
भारत की जय, भारत की जय,
भारत के रण में आज तू जय जयकार करेगा।
ऑस्ट्रेलिया की सेना से तू जूझेगा,
और भारत का नाम रोशन करेगा।
आओ सब मिलकर भारत का जयघोष करें,
और भारत की जीत की कामना करें।
भारत का तिरंगा दुनिया भर में लहराएगा,
और भारत का नाम विश्वगुरु बनेगा।
भारत की जय, भारत की जय,
भारत के रण में आज तू जय जयकार करेगा।
ऑस्ट्रेलिया की सेना से तू जूझेगा,
और भारत का नाम रोशन करेगा।
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर, आजकल बात कहने के लिए कविता उनका नया हथियार बना हुआ है।
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
कोई टिप्पणी नहीं