पक्षियों की मधुर ध्वनि : Marwan Makhoul Poem Inspiration
पक्षियों की मधुर ध्वनि : Marwan Makhoul Poem Inspiration
राजनीति से दूर रहना चाहता हूँ,
लेकिन कैसे?
जब आसमान में गूँज रहा है,
विमानों का शोर।
पक्षियों की मधुर ध्वनि,
घिर गई है अंधकार में,
और मैं हूँ,
एक कवि,
जो खो गया है,
इस शोर में।
काश! विमानों का शोर,
चुप हो जाए,
और मैं,
पक्षियों की मधुर ध्वनि,
सुन सकूँ।
काश! यह युद्ध,
समाप्त हो जाए,
और मैं,
शांति की मधुर ध्वनि,
सुन सकूँ।
तो मैं लिख सकता हूँ,
एक ऐसी कविता,
जो राजनीति से दूर हो,
और मन को शांति दे।
~ प्रवीण त्रिवेदी
(मूल कविता - मारवान मखौल की कविता 👇 के भावानुवाद से प्रेरित)
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर, आजकल बात कहने के लिए कविता उनका नया हथियार बना हुआ है।
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।
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