ज़िदंगी जिंदादिली का नाम है
ज़िदंगी जिंदादिली का नाम है
तकदीर में गहरी साज़िशे तमाम है,
और इस बात से हम नहीं अनजान हैं ।
ना डरे हैं ,ना डरेंगे,
ना झुके हैं , ना झुकेंगे ।
ना टूटे हैं , ना टूटेंगे,
ना मिटे हैं , ना मिटेंगे ।
हो सकता है परिस्थितियां विपरीत हों,
पर हौंसलों में अब तक जिंदा उड़ान है ।
हिम्मत की कोई क्या बात करे हमसे ,
कायरों की फेहरिस्त में नहीं अपना नाम है।
हमें शौक नहीं महफिलों में नाम कमाने का ,
अपने मुंह मियां मिट्ठू बन दूसरों को नीचे गिराने का ।
गिरना ,उठना ,चलना, आगे बढ़ना, यही ज़िदगी का नाम है,
जिंदगी को जिंदादिली से जीना अपना काम है ।
तकदीर में गहरी साज़िशे तमाम है,
और इस बात से हम नहीं अनजान हैं।
*सुप्रिया मिश्रा*
*सहायक अध्यापक*
*पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा* *गंगा (संविलियन)*
*क्षेत्र - खजनी ,जनपद - गोरखपुर*
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